ठगी का शिकार हुए अकाउंटेंट ने 40 हजार देने को बुलाया और क्राइम ब्रांच ने दबोचा।
गुजरात के सूरत में क्राइम ब्रांच ने एक फर्जी कस्टम अधिकारी बने ठग को पकड़ा है। यह ठग खुद को कस्टम का सीनियर अधिकारी बताकर 7 लोगों से 15.12 लाख रुपए ऐंठ चुका था। लिए। यही नहीं वह 3 साल से सूरत में अधिकारी बनकर घूम रहा था। उसकी कार के आगे सेंट्रल बोर्ड
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पकड़े गए नकली अधिकारी का नाम हिमांशुकुमार रमेश राय (25) है, जो राधे रेजिडेंसी, मुलाडगाम, ओलपाड का निवासी है और मूलत: बिहार के छपरा जिले के रिविलगंज गांव का रहने वाला है। इस ठग को पकड़ने के लिए अकाउंटेंट ने बॉम्बे मार्केट के पास 40 हजार रुपए की रकम देने के बहाने जाल बिछाया, जहां क्राइम ब्रांच ने उसे दबोच लिया।
ठग ने एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने, गाड़ी किराए पर देने, कस्टम में पकड़ा गया माल सस्ते में छुड़ाने और इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट लाइसेंस आदि के नाम पर लोगों से लाखों ऐंठे थे। क्राइम ब्रांच ने उससे 1 एयरगन, अर्टिगा कार, फर्जी सरकारी आईडी कार्ड, सीएसआईसी कमांडो लिखी दो स्टार वाली वर्दी, सीएसआईसी का फर्जी वाहन चालक का आदेश और दो मोबाइल जब्त किए। ठगी का शिकार हुए अकाउंटेंट नईम खान ने अठवालाइंस पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
सूरत और व्यारा में 3 जगहों पर विवाद किया आरोपी ने पिछले 15 दिनों में तीन अलग-अलग जगहों पर रौब दिखाते हुए विवाद किए। उसने सहारा दरवाजा चामुंडा टी सेंटर के बाहर पीसीआर वैन के पुलिसकर्मी से पार्किंग को लेकर बहस की। वहीं, व्यारा टोल नाके पर टोल टैक्स को लेकर स्टाफ से झगड़ा किया, जहां उसने अधिकारी होने का दावा करते हुए स्टाफ को धमकाया। कामरेज आरटीओ ने एक लग्जरी बस को पकड़ा था, जिसे छुड़ाने के लिए वह आरटीओ दफ्तर गया और आरटीओ अधिकारी से चेंबर में मिलने के बाद बस मालिक से कहा कि वह बस छुड़ा लेगा।
शादी नहीं हुई, पर कहता था पत्नी कस्टम अधिकारी है लोगों को सूरत एयरपोर्ट पर नौकरी का सपना दिखाने के साथ ही हिमांशु राय ने उन्हें बताया था कि उसकी पत्नी भी कस्टम अधिकारी है। हालांकि, पुलिस जांच में पता चला कि उसकी शादी नहीं हुई है। उसकी केवल सगाई हुई है और उसकी मंगेतर गोवा एयरपोर्ट पर कॉन्ट्रैक्ट की नौकरी करती है, लेकिन वह कोई अधिकारी नहीं है। उसके एक के बाद एक कारनामे सामने आ रहे हैं।
गोवा एयरपोर्ट से नौकरी छूटने के बाद रचा स्वांग हिमांशु ने दिल्ली से ग्रेजुएशन किया था और वडोदरा में एविएशन में डिप्लोमा किया था। उसने दो साल तक पढ़ाई की, जिसके बाद वह गोवा एयरपोर्ट पर कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करने लगा। जब उसका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया और नौकरी छूट गई, तो उसने नकली अधिकारी बनने का स्वांग रच डाला। उसने इसके लिए दिल्ली से फर्जी दस्तावेज, आईडी कार्ड और वर्दी मंगाई।
बचपन का सपना था कि वह कस्टम अधिकारी बने हिमांशु राय ने बचपन से ही कस्टम अधिकारी बनने का सपना देखा था। लोगों में अपना रुतबा बनाने के लिए उसने गोवा और दिल्ली से सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडाइरेक्ट टैक्स और कस्टम्स का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया। उसने सीनियर इंस्पेक्टर के रूप में फर्जी आईडी कार्ड, वर्दी और आर्मी वाहनों की नकली नंबर प्लेट बनवाकर खुद को कस्टम अधिकारी साबित करने की कोशिश की।