Lata Mangeshkar Education: भारत रत्न और स्वर कोकिला के नाम से प्रसिद्ध लता मंगेशकर का निधन 2022 में, 92 वर्ष की आयु में हुआ था. उनका संगीत और कला की दुनिया में दिया गया योगदान आज भी लोगों के दिलों में जीवित है. लता मंगेशकर न केवल भारतीय संगीत की अनमोल धरोहर थीं, बल्कि उनकी अद्वितीय आवाज ने पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध किया. उनकी गायकी और संगीत की दुनिया में विशेष स्थान हमेशा रहेगा, और उनके द्वारा गाए गए गाने भारतीय सिनेमा के अभिन्न हिस्से के रूप में सदा जीवित रहेंगे. लता मंगेशकर के जीवन और शिक्षा से जुड़ी एक रोचक बात यह है कि उन्होंने अपनी अधिकांश शिक्षा बिना पारंपरिक स्कूलों में गए ही पूरी की थी. उनका ध्यान हमेशा संगीत पर केंद्रित था, और वे अपने पिता, पंडित दीनानाथ मंगेशकर से घर पर ही संगीत की शिक्षा ले रही थीं. उनका संगीत के प्रति लगाव बचपन से था, और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बिना औपचारिक शिक्षा के की, केवल अपने परिवार और जीवन के अनुभवों से. चर्चा की एक और दिलचस्प बात यह है कि लता मंगेशकर के पास कुल छह डॉक्टरेट डिग्रियां थीं, जो उनके संगीत क्षेत्र में किए गए असाधारण योगदान को मान्यता देने के रूप में उन्हें मिली. यह डिग्रियां विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा उन्हें सम्मानित की गईं, जो उनके शिक्षा के प्रति अद्वितीय दृष्टिकोण और संगीत के प्रति उनके योगदान को सलाम करती थीं. यह एक तरह से इस बात का प्रमाण था कि लता मंगेशकर ने भले ही पारंपरिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, लेकिन उनकी कला और साधना ने उन्हें सम्मान और ज्ञान के उच्चतम स्तर पर पहुंचाया.
लता मंगेशकर का बचपन
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था. उनके पिता, दीनानाथ मंगेशकर, एक प्रसिद्ध संगीतकार थे, और उनसे ही लता ने संगीत की पहली शिक्षा ली. महज 5 साल की उम्र में लता ने गायन की शुरुआत की और अपने पिता के नाटकों में अभिनेत्री के रूप में भी काम किया. लता मंगेशकर के पांच भाई-बहन थे, और वे सबसे बड़ी थीं. उनकी बहनों के नाम आशा, मीना, और ऊषा थे, जबकि उनके भाई का नाम हृदयनाथ मंगेशकर था। सभी ने संगीत को अपना पेशा बनाया. लता मंगेशकर के पिता का निधन 1942 में हुआ था, जब वे केवल 13 साल की थीं, और इसके बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई.
इन विश्वविद्यालयों से मिली डॉक्टरेट की डिग्रियां
लता मंगेशकर को दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से छह मानद डॉक्टरेट डिग्रियां प्राप्त हैं इनमें महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, शिवाजी यूनिवर्सिटी, पुणे यूनिवर्सिटी, खैरागढ़ म्यूजिक यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी और टोरंटो की यॉर्क यूनिवर्सिटी शामिल हैं. मानद डॉक्टरेट डिग्री विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली सबसे उच्च शैक्षणिक सम्मान मानी जाती है.
इन पुरस्कारों से किया गया है सम्मानित
लता मंगेशकर को भारतीय संगीत में उनके अद्वितीय योगदान और उत्कृष्टता के लिए कई प्रमुख पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उन्हें 1969 में पद्म भूषण, 1989 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और पद्म विभूषण, 2001 में भारत रत्न, और 2008 में स्वतंत्रता दिवस की 60वीं वर्षगांठ पर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त हुआ है. इसके अलावा, 2007 में फ्रांस सरकार ने उन्हें “ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर” पुरस्कार से भी सम्मानित किया था.
Also Read: JEE Main 2025: जेईई मेन सेशन 1 की आंसर की जारी, ऐसे करें अंकों की गिनती