- ऊर्जा मंत्री ने प्रबंध निदेशकों को प्रदेश में चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए दिए निर्देश
- भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए कहीं पर भी अनावश्यक बिजली कटौती न की जाए
- विद्युत संबंधी प्राप्त जन शिकायतों का निर्धारित समय में निस्तारण किया जाए
- ट्रांसफार्मर जलने, विद्युत तार टूटने, लो वोल्टेज, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाए
- अतिभारित फीडरों में विद्युत चोरी रोकने के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए
- क्षेत्रीय जनप्रतिधियों से संवाद कर विद्युत व्यवस्था में सुधार संबंधी सुझाव प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करे
शकील अहमद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने विद्युत आपूर्ति, अनुरक्षण संबंधी समस्याओं, शटडाउन, विद्युत व्यवधान होने पर शीघ्र निराकरण, ओवरलोडिंग संबंधी समस्याओं तथा लो वोल्टेज आदि की समस्याओं पर अधिकारियों से चर्चा कर विद्युत व्यवस्था में सुधार के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विद्युत कार्मिक अधिकारी हो या कर्मचारी उपभोक्ताओं के प्रति अपने व्यवहार और कार्यशैली में सुधार लाएं।
उन्होंने सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निर्देशित किया कि शटडाउन की अवधि दो घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही सभी अधीक्षण और अधिशासी अभियंता अपने क्षेत्रों में जनप्रतिधियों से संवाद कर विद्युत व्यवस्था में सुधार संबंधी सुझाव प्राप्त कर विद्युत सुधार हेतु आवश्यक कार्यवाही करे। विद्युत संबंधी प्राप्त जन शिकायतों को निर्धारित समय में निस्तारण भी किया जाए।
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा शनिवार को शक्ति भवन में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप चल रहा है, गर्मी में आमजन को परेशानी न हो, इसके लिए कहीं पर भी अनावश्यक बिजली कटौती न की जाए, जहां पर भी विद्युत आपूर्ति संबंधी व्यवधान उत्पन्न हो, उसका शीघ्र निराकरण करें। ट्रांसफार्मर के जलने, विद्युत तार टूटने, लो वोल्टेज, ट्रिपिंग आदि समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाए। सभी डिस्काउंट में पर्याप्त ट्राली ट्रांसफार्मर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिससे कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर भीषण गर्मी में शीघ्र ही आपूर्ति बहाल की जा सके।उन्होंने सभी डिस्काम के प्रबंध निदेशकों को प्रदेश में 24×7 विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अतिभारित फीडरों में विद्युत चोरी रोकने के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए, साथ ही राजस्व वसूली के लिए भी प्रयास किए जाए। कहा कि छोटे बकायदारों के कनेक्शन काटने के बजाय बड़े बकायेदारों पर कार्रवाई करें। विद्युत की पीक डिमांड किस समय है, इस बात का ध्यान रखते हुए यह सुनिश्चित करें कि कहीं उनके क्षेत्र में अनधिकृत तरीके से तो विद्युत उपयोग नहीं हो रही है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्रों में भी विद्युत अपूर्ति के साथ ही राजस्व वसूली पर भी विशेष ध्यान दिया जाये। विद्युत का सबसे अधिक उपयोग इन्हीं क्षेत्रो में होता है, इसलिए इन क्षेत्रों में यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी प्रकार की विधुत चोरी न होने पाए। साथ ही विद्युत बकाया भी अधिक न होने पाए। कहा कि प्लान्ट शटडाउन की सूचना विभिन्न माध्यमों से समय रहते उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के बाद ही अनुरक्षण सम्बन्धी कार्य व समस्याओं का निस्तारण कराया जाये।
शटडाउन में अधिकतम 02 घण्टे तक की ही कटौती की जाये। मंत्री शर्मा ने कहा कि गर्मी का मौसम हैं और अभी 02 माह तक राहत मिलने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां पर भी ट्रांसफार्मर जल्दी-जल्दी जल रहे हैं, वहां ट्रांसफार्मरों की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये। साथ ही ट्रांसफार्मर को उच्चीकृत कराया जाये, जिससे ओवरलोडिंग सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सके।
मंत्री शर्मा ने कहा कि विद्युत की सुचारू व्यवस्था के लिये विद्युत भण्डार गृहों का अत्यन्त महत्व है। विद्युत सामग्री इन्हीं भण्डार गृहों में रहती है। भण्डार गृहों में खरीदे गये ट्रांसफार्मर की गुणवत्ता की जॉच के लिये पावर एनालाइजर होते हैं, जिसका अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि असेसमेंट बिलिंग और अधिकारियों व कर्मचारियों में व्यवहारिक सुधार आवश्यक है, ऐसी कोई भी शिकायत न हो, जिसमें किसी भी उपभोक्ता से दुर्व्यवहार या गलत वसूली की गयी हो, ऐसे प्रकरण संज्ञान में आने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
समीक्षा बैठक में अध्यक्ष उप्र पावर कारपोरेशन श्री आशीष गोयल ने कहा कि पूर्वांचल एवं मध्यांचल में पावर एनालाइजर बड़ी संख्या में खराब थे। जिसके कारण ट्रांसफार्मर की जॉच प्रभावित हो रही थी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रबन्ध निदेशक अपने यहां के भण्डार गृहों का निरीक्षण करके तत्काल इसकी रिपोर्ट भेजें। अधीक्षण अभियन्ताओं को लापरवाही होने पर चार्जशीट दें। भण्डार गृहों में सभी व्यवस्थायें बेहतर होनी चाहिए, इसके लिए मुख्य अभियन्ता अपने भण्डार गृहों का नियमित रूप रूप निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि मध्यांचल में 19 एनालाइजर में से मात्र 03 कार्य कर रहे थे।
पूर्वाचल में भी 06 खराब पाये गये। अध्यक्ष ने कहा कि विद्युत चोरी रोकने हेतु प्रयास और तेज किये जायें। विजिलेन्स की स्ट्रेटजी बनाकर जिन क्षेत्रों में ज्यादा लाइन हानियां हैं वहॉ गहन अभियान चलाया जाये। उपभोक्ताओं को सही रीडिंग का बिल समय से दिया जाये। इसमें बिल्कुल भी लापरवाही बरदास्त नहीं की जायेगी। जितनी बिजली दी जाये उतना ही राजस्व वसूला जाये। इसके लिये उपभोक्ताओं को फोन आदि से लगातार बिल जमा करने के लिये सम्पर्क किया जाये।
जहां एसेसमेन्ट नहीं बढ़ रहा है, वहां प्रयास तेज किये जायें और विद्युत सम्बन्धी कोई भी समस्या है तो उच्च अधिकारियों को उसकी सूचना समय से दी जाये, जिससे उसका शीघ्र निस्तारण किया जा सके।बैठक में अध्यक्ष गोयल ने सभी डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशको तथा वरिष्ठ अधिकारियों से प्रोविजनल बिलों को निर्गत करने में धीमी प्रगति के लिये असंतोष व्यक्त किया और डिस्काम के सभी निदेशक (कामर्शियल) को कारण बताओं नोटिश जारी करने के निर्देश दिये।
सभी डिस्काम में जो सबसे खराब राजस्व वसूली के खण्ड हैं उनके चार अधिशाषी अभियन्ताओं को चिन्हित करके कार्यवाई के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हम किसी के विरूद्ध कार्यवाई नही करना चाहते लेकिन कार्य नहीं होगा तो कैसे विद्युत व्यवस्था चलेगी। इसके लिये सख्ती तो करनी पड़ेगी। बैठक में गोरखपुर, प्रयागराज (प्रथम) के मुख्य अभियन्ता से अध्यक्ष ने पूूछा कि ट्रांसफार्मर आपके यहॉ क्यों ज्यादा खराब हो रहे हैं, इस पर ध्यान दिया जाए। कहा कि जहां पर भी एसेसमेन्ट नहीं बढ़ा है, वहां नोटिस भेजी जायेगी।
समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेन्द्र भूषण, डीजी विजलेंस एम.के. बशाल, प्रबन्ध निदेशक उत्पादन निगम रणबीर प्रसाद, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल पंकज कुमार उपस्थित रहे तथा सभी डिस्कॉम के एमडी, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता समेत अन्य अधिकारी वर्चुअल मौजूद रहे।