शकील अहमद
लखनऊ । सिर्फ अपने घर की राजनीति करने वाले, सिर्फ घर को ही पूरी जाति का ठेकेदार समझने वाले, नौकरी की वेकेंसी निकलने से पूर्व ही उसकी बोली लगाने वालों को आज विकास की धारा में गोते लगाते उप्र में नौजवानों की बर्बादी दिख रही है। कभी जमाना था, जब लड़कियां शाम होने से पहले ही घर पहुंच जाती थीं। बाहर गुंडों का बोलबाला था। आज पूरा प्रदेश शांत है, अराजकत तत्व या तो ऊपर चले गये या जेल में बंद हैं।
वहीं कोई गरीबों की वोट पर राजनीति करने वाली एक नेत्री को गरीबों का खुद ख्याल नहीं रहा, लेकिन आज उन्हें बौखलाहट है कि गरीब कैसे आगे बढ़ रहे हैं। ये बातें पूर्व मंत्री और भाजपा नेत्री स्वाती सिंह ने कही। वह शनिवार को बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयानों के उत्तर में ये बातें कहीं। मायावती ने शुक्रवार को कहा था, ‘अच्छे दिन के वादे के बाद भी गरीब त्रस्त क्यों हैं।
वहीं अखिलेश यादव ने कहा था, ‘ सरकार ने नौजवानों की एक तिहाई जिंदगी बर्बाद की।” इसके जवाब ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में शायद यह पहली बार चतुर्दिक विकास दिख रहा है। महिला हो या गरीब, हिन्दु हो या मुसलमान, सब तरफ लोगों का विकास देखने को मिल रहा है। किसान वैज्ञानिक खेती की ओर बढ़ रहा है। पुर्व मंत्री स्वाती सिंह ने मायावती का बिना नाम लिए कहा कि महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिल गयी।
गरीबों को आवास मिल गया। वहीं एक महिला नेता को गरीबी दिख रही है। अपने शासन काल में उन्होंने एक भी महिला को आगे बढ़ाने में सहयोग नहीं किया। दलित वोट की राजनीति के बावजूद दलितों को उनकी मजबूरी पर छोड़ दिया। एक भी वे ऐसी योजना नहीं बता सकतीं, जिससे गरीबों का उत्थान हुआ है।
वहीं उन्होंने अखिलेश यादव पर बिना नाम लिये हमला बोलते हुए कहा कि कभी यह स्थिति थी कि लड़कियों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। लोगों को इज्जत बचाना मुश्किल था। सरकार आम जनता की नहीं, गुंडों की सुरक्षा में लगी रहती थी। सीओ को गोली मार दी गयी और पूरा शासन सीओ की नहीं, अपराधी की चिंता करता रहा और वे आज शासन को सीख दे रहे हैं।
स्वाती सिंह ने कहा कि जनता सब जानती है। यही कारण है कि दो चरणों के चुनाव में विपक्ष का पत्ता साफ हो गया है। आने वाले चुनावों में भी साइकिल पंचर ही रहेगी। वहीं हाथी बीमार चल रही है। कमल हर दिन खिलता जा रहा है।