हसन नसरल्ला के मारे जाने के बाद हिज्बुल्लाह ने नए चीफ का किया ऐलान


हसन नसरल्ला के मारे जाने के बाद हिज्बुल्लाह ने नए चीफ का किया ऐलान, नेतन्याहू ने बताया इसे इजरायल के लिए अहम कदम

लेबनान के हिज्बुल्लाह समूह ने शनिवार को पुष्टि की कि उनके नेता और संस्थापक सदस्यों में से एक हसन नसरल्ला की इजरायली हवाई हमले में मौत हो गई। यह हमला बेरूत में हुआ, जिसमें नसरल्ला को निशाना बनाया गया था। हिज्बुल्लाह ने तुरंत बाद नसरल्ला के उत्तराधिकारी के रूप में उनके चचेरे भाई हाशिम सफी अल दीन को संगठन का नया चीफ नियुक्त कर दिया। सफीद्दीन हिज्बुल्लाह के वरिष्ठ नेता हैं, जो संगठन की राजनीतिक, सामाजिक, और शैक्षिक गतिविधियों की देखरेख करते थे। उनका जन्म 1964 में दक्षिणी लेबनान के दीर कानून एन नाहर में हुआ था और वे लेबनानी शिया मौलवी हैं।

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सफी अल दीन की नियुक्ति और उनकी भूमिका
हाशिम सफी अल दीन हिज्बुल्लाह की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के प्रमुख और जिहाद काउंसिल के चेयरमैन भी हैं। जिहाद काउंसिल हिज्बुल्लाह के मिलिट्री ऑपरेशंस की योजना बनाती है। सफीद्दीन खुद को पैगंबर मोहम्मद का वंशज मानते हैं, और 2017 में उन्हें यूएस स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था, जब उन पर इजराइल पर हमले के आरोप लगे थे।

नेतन्याहू का बयान
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हसन नसरल्ला की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कदम इजराइल के युद्ध लक्ष्यों को हासिल करने के लिए “आवश्यक शर्त” थी। उन्होंने कहा, “अन्य शीर्ष हिज्बुल्लाह कमांडरों का मारा जाना पर्याप्त नहीं था, इसलिए नसरल्ला को भी मारने का निर्णय लिया गया।” नेतन्याहू ने नसरल्ला को इजरायल के विनाश की योजना का निर्माता भी बताया।

हसन नसरल्ला ने तीन दशकों से अधिक समय तक हिज्बुल्लाह का नेतृत्व किया और संगठन को एक प्रभावशाली आतंकवादी समूह के रूप में स्थापित किया। उनकी मौत के बाद हिज्बुल्लाह की भविष्य की दिशा पर सभी की नजरें टिकी हैं, खासकर तब, जब नए नेता हाशिम सफी अल दीन ने बागडोर संभाल ली है।

 



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