मौजूदा दौर में रीमेक फिल्में नहीं बल्कि री रिलीज फिल्में सफलता का नया फार्मूला बन गयी है. इस ट्रेंड को आइये जानते हैं और करीब से
the trend of bollywood re releases :इनदिनों टिकट खिड़की पर री रिलीज फिल्में सफलता का नया ट्रेंड बन चुकी हैं. तुंबाड, लैला मजनू के री रिलीज के कलेक्शन की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि फिल्म सनम तेरी कसम ने बॉक्स ऑफिस पर नोटों की बारिश कर दी है.फिल्म ने अब तक 45 करोड़ की कमाई कर ली है. री रिलीज के इस नए ट्रेंड पर इंडस्ट्री के निर्माता,निर्देशकों और ट्रेड विशेषज्ञ के साथ उर्मिला कोरी की हुई बातचीत के आधार पर यह आलेख
री रिलीज फिल्मों के चुनाव में ये फैक्टर बन रहा अहम
ट्रेड विश्लेषक कोमल नाहटा बताते हैं कि री रिलीज फिल्मों का ट्रेंड नया नहीं बल्कि पुराना है. 80 और 90 के दशक में अक्सर थिएटर में ब्लॉकबस्टर फिल्में रिलीज होती थी. मुग़ल ए आज़म, शोले और दीवार अक्सर रिलीज होती थी और दर्शकों द्वारा सराही भी जाती थी. कोविड के बाद री रिलीज फिल्मों की फिर से जरुरत पड़ी क्योंकि सिनेमाघरों में लगातार नयी फिल्में नहीं आ रही थी. नयी फिल्मों के बीच में गैप आ रहा था.ऐसे में सिनेमाघरों में पुरानी फिल्मों को री रिलीज करना शुरू किया। धीरे -धीरे यह एक ट्रेंड बनता चला गया सबकुछ प्लानिंग के साथ हो रहा है. किसी भी फ़िल्म का चुनाव हो रहा है. ऐसा नहीं है . उन फिल्मों को खास तौर पर चुना जा रहा है ,जो कल्ट फिल्म मानी जाती है . थिएटर में उस वक्त उन फ़िल्मों ने उतना बिजनेस नहीं किया था क्योंकि वो स्मॉल बजट की थी इसलिए उतने ज्यादा स्क्रीन नहीं मिल पायी थी. बाद में वह फिल्में दर्शकों द्वारा टेलीविजन या स्ट्रीम प्लेटफार्म पर जमकर देखी गई . ऐसी फिल्मों को जेन जी दर्शक थिएटर में अनुभव करना चाहता है. टिकटों की कम प्राइस इसमें सोने पे सुहागा का काम करती है. जिससे युवा दर्शकों की और ज्यादा पसंद ये फिल्में बन जाती हैं. फिल्मों के चुनाव में प्रोडक्शन हाउसेज और थिएटर चेन सोशल मीडिया पर दर्शकों से जुड़कर बकायदा सर्वे भी कर रहे हैं कि उन्हें कौन सी अगली फिल्म देखनी है .
नयी फिल्मों से इन्नोसेंस रोमांस गायब है
नेशनल अवार्ड विनिंग निर्देशक सूरज बड़जात्या री रिलीज फिल्मों के लोकप्रिय ट्रेंड का सीधा श्रेय मौजूदा यूथ को देते हैं. वह बताते हैं कि कौन सी री रिलीज फिल्मों ने जबरदस्त कमाई की है. अगर नाम पर गौर करें तो रहना है तेरे दिल में , वीर जारा ,रॉकस्टार,लैला मजनू, सनम तेरी कसम का नाम सबसे आगे है. थिएटर में लार्जर देन लाइफ फिल्मों की बाढ़ है. यूथ को ऐसा कुछ नहीं दे रहे हैं जिससे वह रिलेट करें या उससे वह अटैच हो. फिल्मों में प्यार से जुड़ा इन्नोसेंस गायब है.प्यार की फिलॉसफी मिसिंग है.हाल फिलहाल में एक ऐसी लव स्टोरी बता दें, जो यूथ के लिए हो. प्यार की फीलिंग हर यूथ में होती है. यह मानव स्वभाव में है. जिस तरह का मार धाड़ का सिनेमा बन रहा है. वह उससे रिलेट क्या कुछ बातें कर सकते हैं. यही वजह है कि उन्हें पुरानी फिल्में पसंद आ रही हैं.उनमें उन्हें प्यार का वह इन्नोसेंस दिख रहा है, जिसे वह देखना चाहते हैं.
यह ट्रेंड टिकने वाला है
ट्रेड विश्लेषक अतुल मोहन की मानें तो यह ट्रेंड खत्म नहीं होने वाला है बल्कि टिकने वाला है.क्योंकि थिएटर में सिर्फ लार्जर देन लाइफ फिल्में ही रिलीज हो रही थी.कोविड से पहले तक छोटे बजट की फिल्में भी लार्जर देन लाइफ के साथ रिलीज होती थी. छोटे बजट वाली फिल्मों की कमी री रिलीज फिल्मों ने पूरी कर दी है. लार्जर दैन लाइफ फिल्मों के बीच के गैप में आकर यह दर्शकों को लुभाती रहेगी।री रिलीज के ट्रेंड को निर्माता और निर्देशक सोहम शाह फिल्म इंडस्ट्री और फिल्मों के लिए बहुत अच्छा ट्रेंड मानते हैं . वह बताते हैं कि फिल्म से दोबारा रेवेन्यू जुटाया जा सकता है. ये निर्माताओं के लिए बहुत अच्छी खबर है. कस्टमर को अच्छा प्रोडक्ट भी देखने को मिल रहा है. नयी रिलीज फिल्म अच्छी नहीं बनायी गयी है तो लोग उसको छोड़कर री रिलीज फिल्म को देख लेंगे. दर्शकों के लिए अच्छा है कि उनके लिए च्वाइस और बढ़ गई है. इसके अलावा री रिलीज की टिकट प्राइस भी बहुत कम होती है. भारत में 100 से 150 रुपए की टिकट पर आप फिल्म कहीं भी देख सकते हैं. दर्शकों के लिए अच्छा है कि सस्ते में अच्छा मटेरियल देखें. इसके अलावा फिल्मों के सेकेंड पार्ट की मेकिंग को भी मार्केट में एक बूस्ट मिल जाता है.जो निर्माताओं के लिए बहुत फायदे वाली है.
री रिलीज फिल्मों के बिजनेस का गणित
फ़िल्म वितरक राज बंसल फिल्मों की री रिलीज के बिजनेस समीकरण के बारे में बात करते हुए बताते हैं कि आमतौर पर जब कोई फ़िल्म थिएटर में रिलीज होती है तो डिस्ट्रीब्यूटर और थिएटर मालिक के बीच प्रॉफिट का शेयर 50 -50 होता है लेकिन री रिलीज़ में प्रॉफिट का ७० प्रतिशत शेयर थिएटर मालिकों को जाता है और 30 प्रतिशत ही डिस्ट्रीब्यूटर को मिलता है लेकिन फिर भी मैं कहूंगा कि यह अच्छा ट्रेंड है .आपको अपनी फिल्म से एक बार फिर कमाने का मौक़ा मिल रहा है . इससे अच्छी बात क्या हो सकती है.
अपकमिंग री रिलीज होने वाली फिल्में
कल यानी 28 फरवरी को सिनेमाघरों में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और करिश्मा कपूर स्टारर फिल्म दिल तो पागल है दस्तक देगी. आगामी 7 मार्च को सोनाक्षी और रणवीर सिंह की लुटेरा सिनेमाघरों में दस्तक देगी. शर्मीला टैगोर की आराधना सहित कई फिल्मों को फिर से मार्च में री रिलीज किया जा रहा है तो अप्रैल ,महीने में अंदाज अपना अपना भी सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. इन नंबरों में आने वाले समय में जबरदस्त इजाफा होने वाले है.